नरेंद्र मोदी ने गुजरात में सत्ता की हैट्रिक लगा ली है. इस बात की उम्मीद लोगों को पहले से थी. गुजरात फतह के बाद अब वे प्रधानमंत्री पद की कुर्सी के और निकट आ गए हैं- चाहे आप उसे पसंद करें या नहीं. मोदी को ऐसा क्या करना चाहिए, जिससे वे आपकी नजर में प्रधानमंत्री पद के बेहतर दावेदार हो जाएं?
कुल संख्या 50405, (94%)
चाहे जो हो, वे ही मेरे प्रधानमंत्री होंगे
कुल संख्या 3137, (6%)
मैं मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कभी स्वीकार नहीं करूंगा.
कुल संख्या 1247, (18%)
मोदी को अर्थव्यवस्था, राजनीतिक एवं सामाजिक मोर्चे पर भारत के भविष्य के बारे में अपना नजरिया पेश करना चाहिए.
कुल संख्या 1126, (16%)
पार्टी के भीतर एवं बाहर, उन्हें आम राय बनाने की क्षमता साबित करनी चाहिए.
कुल संख्या 1001, (14%)
उन्हें बीजेपी के अतिरिक्त एनडीए के कम से कम 10 पार्टियों द्वारा खुलेआम स्वीकार किया जाना चाहिए.
कुल संख्या 968, (14%)
उन्हें भू-राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय संबंध पर बेहतर समझ विकसित करनी चाहिए.
कुल संख्या 907, (13%)
मोदी को 6 से 12 महीने बाद मुख्यमंत्री का पद त्यागकर भारत-भ्रमण करना चाहिए, जिससे वे लोगों से जुड़ सकें.
कुल संख्या 638, (9%)
मैं उन्हें प्रधानमंत्री के बाद दूसरे प्रमुख के तौर पर देखना चाहूंगा. ठीक वैसे ही, जैसे एनडीए के शासनकाल में लालकृष्ण आडवाणी अटल बिहारी वाजपेयी के बाद 'नंबर-2' थे.
कुल संख्या 588, (8%)
मोदी को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के लिए मुसलमानों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.
कुल संख्या 459, (7%)
मैं मोदी पर अपना निर्णय 12 माह बाद देना चाहूंगा. इसके बाद ही मैं उन्हें 'अवसर' दे सकता हूं.
मेरी पसंद हैं राहुल गांधी, अगर...
जिस तरह नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं, उसी तरह राहुल गांधी भी भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर देखे जा रहे हैं. आप बताएं कि राहुल गांधी में ऐसा क्या है या उन्हें ऐसा क्या करना चाहिए, जिससे वे आपकी नजर में प्रधानमंत्री पद के बेहतर दावेदार हो जाएं?
कुल संख्या 25646, (100%)
मैं राहुल को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कभी स्वीकार नहीं करूंगा.
कुल संख्या 405, (15%)
वे भारत के लिए अपना एक ठोस नजरिया बनाते हैं और लोगों के सामने पेश करते हैं.
कुल संख्या 403, (15%)
वे 'बनावटी दीवार' तोड़कर जनता से कहीं ज्यादा गहरे रूप से जुड़े हैं.
कुल संख्या 374, (14%)
सार्वजनिक जीवन में वे ज्यादा कामयाब रहे हैं, जो कि उनकी योग्यता दर्शाता है.
कुल संख्या 373, (14%)
अर्थव्यवस्था के अहम मुद्दों पर उनका नजरिए साफ है.
कुल संख्या 367, (14%)
अपनी पार्टी के भीतर उन्होंने नेतृत्व क्षमता साबित की है.
कुल संख्या 272, (10%)
वे ज्यादा आक्रामक राष्ट्रवादी हैं.
कुल संख्या 249, (10%)
वे कांग्रेस के भीतर गांधी परिवार की चापलूसी को खुलेआम हतोत्साहित करते हैं.
कुल संख्या 176, (7%)
वे प्रियंका गांधी को भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करते हैं और खुद को महज उनका समर्थक जताते हैं.
कुल संख्या 15, (0%)
चाहे जो हो, वे ही मेरे प्रधानमंत्री होंगे
* इस सर्वे में दो पार्ट है और दोनों के लिए अलग-अलग प्रतिशत तय किए गए हैं. सवाल 1 से लेकर 8 तक की गणना 100 प्रतिशत में होगी. सवाल 9 एवं 10 के लिए अलग मापदंड तय किए गए है इसलिए इसकी गणना अलग से 100 प्रतिशत में होगी.
गुजरात में नरेंद्र मोदी ने अपनी 'हैट्रिक' जीत का परचम लहराया तो एनडीए में उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करने की मांग बढ़ गई. वहीं कांग्रेस के कुछ नेता राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की पहले ही मांग कर चुके हैं.