राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद 26/11 हमले के दोषी आतंकी अजमल आमिर कसाब को 21 नवंबर 2012 की सुबह पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई.
26/11 की चौथी बरसी पर हमें इस बात का गर्व है कि हमने जिंदा आतंकी अजमल कसाब को उसके अंजाम तक पहुंचा दिया है.