शपथ लेने वाले लोग
1,01,268
अब तक मिले सुझाव
44,681
विशेषज्ञों से पूछें
रक्षा विशेषज्ञ
एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक, वर्तमान में दिल्‍ली की संस्‍था 'सेंटर फॉर एयर पावर स्‍टडीज' के सह निदेशक हैं. चीफ ऑफ एयर स्‍टाफ के सलाहकार भी रह चुके हैं.
क्या मुंबई पर आतंकी हमले के लिए सिर्फ राजनेता ही जिम्मेवार हैं?
बहुत हद तक वे कानून बनाते और फैसला लेते हैं.
सवाल पूछें » अन्‍य सवाल-जवाब »
अन्‍य विशेषज्ञ »
खबरों में
अन्‍य खबरें »
 
वीडियो
देश के अग्रणी मीडिया संस्‍थान 'इंडिया टुडे ग्रुप' के 'एलान-ए-जंग' में पूरे देश से हजारों लोग शामिल हो रहे हैं. इसी मुहिम आज तक के एंकर भी हुए शामिल और सभी ने ली शपथ.
वीडियो देखें »
नापाक इरादा तोड़ेंगे, मिलकर अपना घर जोड़ेंगे
'आतंक का कोई मजहब नहीं होता'
'नहीं सूखने दूंगा अपने घांवों को...'
 
अन्‍य वीडियो »
 
फोटो गैलरी
पिछले 10 वर्षों में 20,000 से अधिक लोग आतंक की भेंट चढ़ गए. दुनियाभर के मुल्कों में भारत ने सबसे ज्यादा आतंक की मार झेली है. ऐसी कोई जगह नहीं है, जो आतंकवादियों के ‘रडार’ पर नहीं है. क्या हम कहीं भी सुरक्षित हैं?
गैलरी देखें »
अन्‍य फोटो गैलरी »
 
 
 
मसला 1: घरेलू मोर्चे की सुरक्षा
  जरूरत है भारत को बड़े आतंकवादी हमलों से सुरक्षित रखने के लिए एक समग्र आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की.
  विशेषज्ञों की राय    |    कार्य योजना
   
   
मसला 2: पाकिस्तान से निपटना
 

पाकिस्तान को बेअसर करने के लिए चौतरफा दबाव की जरूरत. और जोर होना चाहिए ' सजग' रणनीति पर.

  विशेषज्ञों की राय    |    कार्य योजना
   
 
   
मसला 3: पुलिस में भारी सुधार
  खाकी वर्दी वालों को अगर आतंकवाद से लोहा लेने वाला कारगर जत्था बनाना है तो उन्हें उचित प्रशिक्षण और हथियारों से लैस करना होगा.
  विशेषज्ञों की राय    |    कार्य योजना
   
 
   
मसला 4: एनएसजी का आधुनिकीकरण
  मुंबई में हुए हमले ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए गठित हमारी सबसे आला फोर्स की खामियों को उजागर किया. अब इन खामियों को दूर कर लेने की जरूरत है.
  कार्य योजना
   
 
   
मसला 5: खुफिया तंत्र का उन्नयन
  आंतकी हमले रोकने हैं तो खुफिया सूचनाएं जुटाने के काम में समन्वय और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
  विशेषज्ञों की राय    |    कार्य योजना
   
 
   
मसला 6: महानगरों की सुरक्षा
  दिल्ली और मुंबई के इर्दगिर्द सुरक्षा के ऐसे कवच का निर्माण करें कि वे किसी भी प्रकार की आपातस्थिति से निबटने में स्वतंत्र रूप से सक्षम हो सकें.
  विशेषज्ञों की राय    |    कार्य योजना
   
 
   
मसला 7: भेद्य क्षेत्रों को मजबूत बनाना
  भारत की सीमाएं अभी भी दरारों से भरी हैं. समुद्र के रास्ते उभरे नए खतरे के मद्देनजर तटों की सुरक्षा दुरुस्त करने की जरूरत.
  कार्य योजना
   
 
   
मसला 8: कानून को सख्त बनाना
  आतंकवादी हिंसा को अंजाम देने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए कानूनी प्रावधानों को अब और भी सख्त बनाने की जरूरत है.
  कार्य योजना
   
 
   
मसला 9: आतंक की फंडिंग पर अंकुश लगाना
 

आतंक के राक्षस को पोषित करने वाले धन पर लगाम और विस्फोटकों पर कड़ी निगरानी अब अनिवार्य.

  कार्य योजना
   
 
   
मसला 10: सशस्त्र बलों को मजबूत करना
  नागरिकता विहीन तत्वों और पुराने शत्रुओं का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना का आधुनिकीकरण बेहद जरूरी.
  कार्य योजना
   
 
   
मसला 11: कश्मीर पर विजय पाना
  घाटी में असंतोष को दूर करने के लिए कश्मीर को स्वायत्तता के अलावा पाकिस्तान के साथ समझैते के मसले को सुलटाना होगा.
  कार्य योजना
   
 
   
मसला 12: नागरिकों का चार्टर
  नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करके और सरकार पर काम करने का दबाव बनाए रख कर हम अपने मन मुताबिक बदलाव ला सकते हैं.
  कार्य योजना
   
 
   
   
 
यदि आपने शपथ नहीं लिया है तो,
इंडिया टुडे की मुहिम में शामिल हों
आतंकवाद के खिलाफ 'एलान-ए-जंग'
 
 

 
उठाए गए कदम
अब वक्‍त है कार्रवाई का
इंडिया टुडे ग्रुप ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 'वार ऑन टेरर: द एजेंडा फॉर एक्‍शन' की प्रति सौंपी.
और पढ़ें»
  तस्‍वीरों में
 
 
आतंक के खिलाफ जंग में आज ही शामिल हों
इस जंग को हमलोग कैसे जीत सकते हैं?
सुझाव दें
WAR लिखकर 52424
पर एसएमएस करें
अगर आपको कोई भी संदिग्‍ध गतिविधि दिखाई दे या आपके पास आतंकवाद निरोधी दस्‍ते को बताने के लिए कोई सूचना हो तो,
कृपया टोल फ्री नंबर
1090 पर फोन करें
फोन करने वाले की पहचान गुप्‍त रखी जाएगी.
देश के 6 प्रमुख नगरों के आपात स्थिति से सं‍बंधित टेलीफोन नंबर और पते यहां दिए जा रहे हैं, ताकि आप स्‍वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें.

वर्ष 2008 के दौरान पूरे देश में हुए आतंकी हमलों से संबंधित खबरों, वीडियो और फोटो गैलरी को हम यहां प्रस्‍तुत कर रहे हैं.
जनता की राय
हमारे देश के नेताओं की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. पाकिस्‍तान हरदम इसी बात का फायदा उठाता रहा है. अब अपने देश के नेताओं को संभल जाना चाहिए.
रोहित,पुणे.

विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और विदेश राज्‍यमंत्री आनंद शर्मा की रोज-रोज आतंकवाद के खिलाफ बयानबाजी म‍हज दिखावा है. ऐसा लगता है कि इनमें देश के प्रति स्‍वाभिमान जैसी कोई चीज नहीं है.
कमल, वडोदरा

अन्‍य राय पढ़ें
राय दें
शपथ लेने वाले लोगों की सूची »

-->