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एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक, वर्तमान में दिल्‍ली की संस्‍था 'सेंटर फॉर एयर पावर स्‍टडीज' के सह निदेशक हैं. चीफ ऑफ एयर स्‍टाफ के सलाहकार भी रह चुके हैं.
क्या मुंबई पर आतंकी हमले के लिए सिर्फ राजनेता ही जिम्मेवार हैं?
बहुत हद तक वे कानून बनाते और फैसला लेते हैं.
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देश के अग्रणी मीडिया संस्‍थान 'इंडिया टुडे ग्रुप' के 'एलान-ए-जंग' में पूरे देश से हजारों लोग शामिल हो रहे हैं. इसी मुहिम आज तक के एंकर भी हुए शामिल और सभी ने ली शपथ.
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नापाक इरादा तोड़ेंगे, मिलकर अपना घर जोड़ेंगे
'आतंक का कोई मजहब नहीं होता'
'नहीं सूखने दूंगा अपने घांवों को...'
 
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पिछले 10 वर्षों में 20,000 से अधिक लोग आतंक की भेंट चढ़ गए. दुनियाभर के मुल्कों में भारत ने सबसे ज्यादा आतंक की मार झेली है. ऐसी कोई जगह नहीं है, जो आतंकवादियों के ‘रडार’ पर नहीं है. क्या हम कहीं भी सुरक्षित हैं?
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सेवा में,
श्री एच. आर. भारद्वाज
केंद्रीय कानून व न्‍याय मंत्री
नई दिल्‍ली
महाशय,

मैं इंडिया टुडे की आतंकवाद के खिलाफ 'एलान-ए-जंग' की मुहिम में शामिल हूं.

राजनीति के अपराधीकरण की समस्‍या से निपटना आज एक अहम मसला बन गया है. अगर कोई व्‍यक्ति अपराध करके भी चुनाव में खड़ा हो जाता है, तो यह मौजूदा कानून में त्रुटियों का ही नतीजा है. इससे कानून के प्रति निरादर की भावना पनपती है और उपद्रवी तत्‍वों को बढ़ावा मिलता है.

मैं आपसे नम्र निवेदन करता हूं कि जनप्रतिनिधित्‍व कानून, 1951 की धारा-8 में संशोधन किया जाए. इस बात का प्रावधान होना चाहिए कि अगर कोई व्‍यक्ति पहली नजर में किसी समक्ष न्‍यायिक प्राधिकार द्वारा किसी ऐसे मामले में आरोपी है, जिसके तहत 5 साल या उससे ज्‍यादा अवधि तक कैद हो सकती है, तो उसे चुनाव लड़ने के अयोग्‍य घोषित कर देना चाहिए.

आतंक के खिलाफ जंग राजनीतिक शुचिता के साथ ही शुरू होनी चाहिए. कानून में उपर्युक्‍त संशोधन लंबे समय में लक्ष्‍य प्राप्ति में सफल हो सकेगा.

आपका विश्‍वासी
देश का एक जागरूक नागरिक

इस पत्र को आप कॉपी कर अपने लेटरहेड पर पेस्ट कर इसका प्रिंट ले सकते हैं. या आप सीधे इस पत्र को प्रिंट भी कर सकते हैं.
आप इस पत्र की कॉपी कर सीधे मंत्री को ई-मेल कर सकते हैं.: hansrajb@sansad.nic.in
पत्र को डाक से इस पते पर भेजें:
श्री एच. आर. भारद्वाज
चौथा तल, ए-विंग
शास्‍त्री भवन
नई दिल्‍ली-110001
 
राजनेताओं की सुरक्षा-व्‍यवस्‍था के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखें.
पुलिस बल में प्रस्‍तावित सुधार को लागू कराने के लिए गृह मंत्री को लिखें.
जनता का घोषणापत्र
 
आप क्या कर सकते हैं?
 
अपनी चिंता को कार्रवाई में बदलें. आतंक के खिलाफ जंग को प्रभावी बनाने के लिए आप सामान्‍य से पांच कदम उठा सकते हैं:
1. एकत्रित होने का स्‍थान तय करें
ऐसे नजदीकी स्‍थान को चिन्हित करें जहां आपातकाल में अपने आसपास के लोगों को इकट्ठा किया जा सके.
2. नक्‍शा तैयार करें
कार्य स्‍थल और स्‍कूल तक आने जाने के लिए वैकल्पिक रास्‍तें बनाएं और इनको अभ्‍यास में लाएं.
3. आगे आएं
आप किसी आतंकवादी वारदात को देखते हैं तो गवाह के रुप में आगे आएं.
4. धैर्य रखें
देरी की परवाह न करते हुए यात्रा के दौरान अपने बैग की छानबीन में सहयोग करें और सार्वजनिक स्‍थानों पर प्रतिबंधों का पालन करें.
5. आपातकालीन योजना बनाएं
अपने परिवार के लिए आपातकालीन योजना तैयार करें. इसे अपने परिवार और दोस्‍तों के साथ साझा करें.
घोषणा पत्र को व्यापक बनाएं.
यदि आपने शपथ नहीं लिया है तो,
इंडिया टुडे की मुहिम में शामिल हों
आतंकवाद के खिलाफ 'एलान-ए-जंग'
 
 

 
उठाए गए कदम
अब वक्‍त है कार्रवाई का
इंडिया टुडे ग्रुप ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 'वार ऑन टेरर: द एजेंडा फॉर एक्‍शन' की प्रति सौंपी.
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  तस्‍वीरों में
 
 
आतंक के खिलाफ जंग में आज ही शामिल हों
इस जंग को हमलोग कैसे जीत सकते हैं?
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पर एसएमएस करें
अगर आपको कोई भी संदिग्‍ध गतिविधि दिखाई दे या आपके पास आतंकवाद निरोधी दस्‍ते को बताने के लिए कोई सूचना हो तो,
कृपया टोल फ्री नंबर
1090 पर फोन करें
फोन करने वाले की पहचान गुप्‍त रखी जाएगी.
देश के 6 प्रमुख नगरों के आपात स्थिति से सं‍बंधित टेलीफोन नंबर और पते यहां दिए जा रहे हैं, ताकि आप स्‍वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें.

वर्ष 2008 के दौरान पूरे देश में हुए आतंकी हमलों से संबंधित खबरों, वीडियो और फोटो गैलरी को हम यहां प्रस्‍तुत कर रहे हैं.
जनता की राय
हमारे देश के नेताओं की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. पाकिस्‍तान हरदम इसी बात का फायदा उठाता रहा है. अब अपने देश के नेताओं को संभल जाना चाहिए.
रोहित,पुणे.

विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और विदेश राज्‍यमंत्री आनंद शर्मा की रोज-रोज आतंकवाद के खिलाफ बयानबाजी म‍हज दिखावा है. ऐसा लगता है कि इनमें देश के प्रति स्‍वाभिमान जैसी कोई चीज नहीं है.
कमल, वडोदरा

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