शपथ लेने वाले लोग
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एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक, वर्तमान में दिल्‍ली की संस्‍था 'सेंटर फॉर एयर पावर स्‍टडीज' के सह निदेशक हैं. चीफ ऑफ एयर स्‍टाफ के सलाहकार भी रह चुके हैं.
क्या मुंबई पर आतंकी हमले के लिए सिर्फ राजनेता ही जिम्मेवार हैं?
बहुत हद तक वे कानून बनाते और फैसला लेते हैं.
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देश के अग्रणी मीडिया संस्‍थान 'इंडिया टुडे ग्रुप' के 'एलान-ए-जंग' में पूरे देश से हजारों लोग शामिल हो रहे हैं. इसी मुहिम आज तक के एंकर भी हुए शामिल और सभी ने ली शपथ.
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नापाक इरादा तोड़ेंगे, मिलकर अपना घर जोड़ेंगे
'आतंक का कोई मजहब नहीं होता'
'नहीं सूखने दूंगा अपने घांवों को...'
 
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पिछले 10 वर्षों में 20,000 से अधिक लोग आतंक की भेंट चढ़ गए. दुनियाभर के मुल्कों में भारत ने सबसे ज्यादा आतंक की मार झेली है. ऐसी कोई जगह नहीं है, जो आतंकवादियों के ‘रडार’ पर नहीं है. क्या हम कहीं भी सुरक्षित हैं?
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'आतंकवाद के खिलाफ जंग' के विशेषज्ञों का पैनल
इंडिया टुडे ग्रुप शुरू कर रहा है 'आतंकवाद के खिलाफ जंग' के विशेषज्ञों का पैनल.
इस पैनल में शामिल लोग अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं. ये लोग मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद उठे सुरक्षा, रक्षा, खुफिया सूचना और विदेश नीति से संबंधित आपके सवालों का जवाब देंगे. आप अपने सवालों और शंकओं का निवारण इन क्षेत्रों के बेहतरीन जानकारों से कर सकते हैं. हम उम्‍मीद करते हैं कि हमारी इस कोशिश से एक बौद्धिक चर्चा को प्रोत्‍साहन मिलेगा और हमारे साथ मिलकर आप सब ने आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए जो शपथ ली है, उसे जीतने में मदद मिलेगी. इस तरह से हम उस समाधान के एक कदम और करीब पहुंचेंगे, जो हमारे लिए जरूरी बदलाव लाएगा.
ललित मानसिंह, विदेश नीति विशेषज्ञ
ललित मानसिंह, पूर्व विदेश सचिव और अमेरिका में रह चुके भारत के पूर्व राजदूत हैं.
चयनित सवाल:
• अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए जब चीन ने आक्रामक विदेश नीति अपनाई है, फिर इंडिया इसमें पीछे क्यों है?
• पाकिस्तान के अंदरुनी हिस्सों में स्थित आतंकवादी कैंपों का सफाया करने से भारत और अमेरिका को क्या रोक रहा है?
• यदि आप प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होते तो अपने बॉस को किस तरह के राजनयिक और सैन्य कार्रवाई करने की सलाह देते?
• भारत में अभी भी अमेरिका के 9/11 के बाद के जैसी स्थिति है. फिर पाकिस्तान पर भारत आक्रमण क्यों नहीं करता? यदि 9/11 की घटना के बाद इराक को अमेरिका बर्बाद कर सकता है तो भारत आतंकवाद के खिलाफ एक कमजोर राष्ट्र क्यों बना हुआ है?
• बड़े आश्चर्य की बात है कि अमेरिका आतंकवादियों को वजीरिस्तान की सीमा तक खदेड़ सकता है. मगर पाक अधिकृत कश्मीर में भारत कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहा है? क्या परमाणु युद्द का डर है?
कपिल काक, रक्षा विशेषज्ञ
एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक, वर्तमान में दिल्‍ली की संस्‍था 'सेंटर फॉर एयर पावर स्‍टडीज' के सह निदेशक हैं. चीफ ऑफ एयर स्‍टाफ के सलाहकार भी रह चुके हैं.
चयनित सवाल:
• हम लोग सालों से पाक द्वारा आतंकियों को ट्रेनिंग दिए जाने की बात कर रहें हैं. क्या हम लोग इसके कारणों, उनके आय के स्रोतों तथा बेसों के बारे में कुछ पता कर पाए हैं. किसी भी समस्या के मूल कारण को जाने बिना उसका निदान नहीं किया जा सकता. सन 1980 से हम इस समस्या से जूझ रहे हैं. अब वह वक्त आ गया है जब इसका समूल नाश कर दिया जाना चाहिए. इसका सबक हम श्रीलंका से ले सकते हैं.
• क्या हम वाकई में चीन या पाकिस्तान के मिसाइल का जवाब मिनटों में देने में सक्षम हैं? या इसमें घंटों या कई दिन लग जाएंगें और इस पर हमारे बेशर्म नेता फैसला लेंगें. क्या हम लोगों ने किसी भी बदतर स्थिति से निपटने के लिए कोई योजना बनाई है या हमेशा की तरह हादसा हो जाने के बाद हमलोग सोचने के लिए बैठेगें.
• पाकिस्‍तान और बांग्लादेश के घुसपैठियों को भारत क्यों बसने देता है. इसको रोकने के लिए सरकार कुछ क्यों नहीं करती है?
• आज कल एयर ट्रैफिक काफी बढ़ गया है. क्या छोटे एयर पोर्ट के कारण 11 सितंबर के जैसी घटना होने का खतरा नहीं है?
• मुंबई पर हमले की जिम्मेवारी लेने वाले लोगों के खिलाफ क्या भारत सरकार सैन्य कार्रवाई करेगी. क्या दूसरे देश भी इस लड़ाई में शामिल होंगे. अगर ऐसा हो तो क्या भारत और पूरे विश्व पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? इसके खिलाफ कोई कदम उठाना सही होगा. ऐसी स्थिति में भारत को क्या करना चाहिए?
डॉ. बी रमन, सुरक्षा एवं आतंकवाद निरोधी मसले के विशेषज्ञ
डॉ. बी रमन, रॉ के पूर्व अतिरिक्‍त सचिव, इन्‍होंने रॉ के आतंकवाद निरोधी प्रभाग का नेतृत्‍व किया है, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्‍य रह चुके हैं और कई किताबें भी लिखी हैं जिनमें से उनकी हालिया किताब 'टेरेरिज्‍म इन इंडिया: यसटरडे, टुडे एंड टुमौरो' है.
चयनित सवाल:
• ऐसा क्‍यों होता है कि हर आतंकी हमले के बाद हमें खुफिया विभाग की नाकामी का बहाना सुनना पड़ता है? हम क्‍यों नहीं पिछले घटनाओं से सीख पाते हैं या हम अब भी 'चलता है' की मानसिकता से बंधे हुए हैं?
• मैं आपके लेखों को कई साल से विभिन्‍न पत्रिकाओं में पढ़ रहा हूं? आप पाकिस्‍तान में चल रहे लश्‍कर के आतंकी कैंपों में सैन्‍य कार्रवाई के बजाए रॉ को खड़ा करने की वकालत क्‍यों करते आ रहे हैं?
• आपके अनुसार, खुफिया एजेंसियों में आपसी तालमेल की कमी के क्‍या कारण हो सकते हैं?
• विदेश में रहते हुए, मैं आपसे यह जानना चाहता हूं कि इस एलान-ए-जंग में मैं अपने देश की कैसे मदद कर सकता हूं?
• क्‍या लोगों की राय और विचार वाकई में सरकार की आतंकवाद से लड़ने की नीति में सहायक हो सकती है?
ब्रिगेडियर गुरमीत कंवल (सेवानिवृत्त), सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ
ब्रिगेडियर गुरमीत कंवल (सेवानिवृत्त), दिल्‍ली स्थित संस्‍था 'सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्‍टडीज' के निदेशक हैं और 'इंडियन आर्मी: विजन 2020' नामक पुस्‍तक के लेखक हैं.
चयनित सवाल:
• पाकिस्‍तान के साथ हुए जल समझौते के बावजूद, क्‍या भारत सरकार को अपना कठोर रूख दिखाने के लिए एक निश्चित समय तक पाकिस्‍तान को दिए जा रहे पानी पर रोक नहीं लगा देनी चाहिए? यह एक सच्‍चाई है कि लगभग हरेक देश ने अपनी संप्रभुता और एकता को कायम रखने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय संधि को ताक पर रख दिया है?
• क्‍या हम भारतीय इन आतंकवादियों से सुरक्षित हैं? यदि नहीं तो देश को सुरक्षित रखने के लिए क्‍या करना होगा?
• सरकार ने ओलंपिक में गोल्‍ड मेडल जीतने वाले एक निशानेबाज को 3 करोड़ रुपये दिए और आतंकियों से लड़ते हुए मारे गए दूसरे निशानेबाज के परिवार को 5 लाख रुपये. कृप्‍या अपनी राय दें.
• आतंकवादियों की क्‍या जरूरत है, वह क्‍या चाहते हैं? क्‍या हम उनकी परेशानियों को आपसी बातचीत से नहीं सुलझा सकते हैं?
• क्‍या पाकिस्‍तान सरकार उन प्रमाणों पर विश्‍वास करेगी, जो यह बताते हैं कि मुंबई में हमला करने वाले पाकिस्‍तान से आए थे?
 
 

 
उठाए गए कदम
अब वक्‍त है कार्रवाई का
इंडिया टुडे ग्रुप ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 'वार ऑन टेरर: द एजेंडा फॉर एक्‍शन' की प्रति सौंपी.
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आतंक के खिलाफ जंग में आज ही शामिल हों
इस जंग को हमलोग कैसे जीत सकते हैं?
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कृपया टोल फ्री नंबर
1090 पर फोन करें
फोन करने वाले की पहचान गुप्‍त रखी जाएगी.
देश के 6 प्रमुख नगरों के आपात स्थिति से सं‍बंधित टेलीफोन नंबर और पते यहां दिए जा रहे हैं, ताकि आप स्‍वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें.

वर्ष 2008 के दौरान पूरे देश में हुए आतंकी हमलों से संबंधित खबरों, वीडियो और फोटो गैलरी को हम यहां प्रस्‍तुत कर रहे हैं.
जनता की राय
हमारे देश के नेताओं की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. पाकिस्‍तान हरदम इसी बात का फायदा उठाता रहा है. अब अपने देश के नेताओं को संभल जाना चाहिए.
रोहित,पुणे.

विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और विदेश राज्‍यमंत्री आनंद शर्मा की रोज-रोज आतंकवाद के खिलाफ बयानबाजी म‍हज दिखावा है. ऐसा लगता है कि इनमें देश के प्रति स्‍वाभिमान जैसी कोई चीज नहीं है.
कमल, वडोदरा

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