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एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक, वर्तमान में दिल्‍ली की संस्‍था 'सेंटर फॉर एयर पावर स्‍टडीज' के सह निदेशक हैं. चीफ ऑफ एयर स्‍टाफ के सलाहकार भी रह चुके हैं.
क्या मुंबई पर आतंकी हमले के लिए सिर्फ राजनेता ही जिम्मेवार हैं?
बहुत हद तक वे कानून बनाते और फैसला लेते हैं.
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देश के अग्रणी मीडिया संस्‍थान 'इंडिया टुडे ग्रुप' के 'एलान-ए-जंग' में पूरे देश से हजारों लोग शामिल हो रहे हैं. इसी मुहिम आज तक के एंकर भी हुए शामिल और सभी ने ली शपथ.
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नापाक इरादा तोड़ेंगे, मिलकर अपना घर जोड़ेंगे
'आतंक का कोई मजहब नहीं होता'
'नहीं सूखने दूंगा अपने घांवों को...'
 
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पिछले 10 वर्षों में 20,000 से अधिक लोग आतंक की भेंट चढ़ गए. दुनियाभर के मुल्कों में भारत ने सबसे ज्यादा आतंक की मार झेली है. ऐसी कोई जगह नहीं है, जो आतंकवादियों के ‘रडार’ पर नहीं है. क्या हम कहीं भी सुरक्षित हैं?
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भारत में हुए बड़े आतंकी हमले
पिछले 10 वर्षों में 20,000 से अधिक लोग आतंक की भेंट चढ़ गए. शहरों पर बार-बार हमला किया गया. सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हमेशा अपने पुराने राग अलापती रहीं, और फिर वही पुरानी शालीनता. दुनियाभर के मुल्कों में भारत ने सबसे ज्यादा आतंक की मार झेली है. सड़क, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, होटल, मॉल, पार्किंग स्थल, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन- ऐसा कोई जगह नहीं है, जो आतंकवादियों के ‘रडार’ पर नहीं है.भारत में हुए बड़े आतंकी हमलों की सूची इस प्रकार है.
आग की लपटों में ताज

मुंबई। 26 नवंबर, 2008: 110 आतंकी कराची से समुद्र के रास्‍ते मुंबई में दाखिल हुए. इन आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग व ग्रेनेड से हमले किए, जिसमें 195 लोग मारे गए और 300 लोग घायल हो गए. जिन भवनों को निशाना बनाया गया, उनमें कोलाबा का लियोपोल्‍ड कैफे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्‍टेशन, मेट्रो सिनेमा के अलावा दो लग्‍जरी होटल- ताज व ओबरॉय शामिल हैं. कमांडो द्वारा मारे जाने से पूर्व इन आतंकियों ने होटलों में कई लोगों को बंधक बनाए रखा. खबरें पढें: इन हमलों से आखिर क्या सबक मिले

दिल्‍ली। 13 सितंबर, 2008: असम के मुख्‍य शहर गुवाहाटी और कोकराझार, बोंगाइगांव व बारपेटा जिलों में सिलसिलेवार विस्‍फोटों से कम से कम 84 लोग मारे गए और 470 लोग घायल हो गए. Read story: Terror capital

अहमदाबाद | 26 जुलाई, 2008: म70 मिनटों के भीतर हुए सिलसिलेवार 21 धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए.Read story: The nation that failed

बैंगलोर | 25 जुलाई, 2008 : भारत में सूचना-प्रौद्योगिकी के अहम केंद्र के रूप विख्‍यात बैंगलोर में सिलसिलेवार धमाकों में 1 वयक्ति की मौत हो गई जबकि 15 अन्य लोग घायल हो गए. अदुगोड़ी, मादिवाला, पंथेरपुरा और नयनदाहल्ली में किए गए ये विस्फोट कम तीव्रता वाले थे.Read story: Blasts rock Bangalore

जयपुर | 13 मई, 2008: जयपुर के अलग-अलग जगहों पर हुए 9 लगातार धमाकों ने पूरे शहर को थर्रा दिया. इन धमाकों में 63 लोगों की मौत व 261 घायल हुए. ये सभी बम धमाके महज 15 मिनटों के भीतर टाइमर के माध्यम से किए गए थे.Read story: Why and who did it?

दिल्ली में हुए आतंकी हमले में घायल एक व्यक्ति

अजमेर शरीफ | 11 अक्टूबर, 2007: राजस्थान में सूफी संत ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती के अजमेर स्थित दरगाह के अंदर आतंकियों ने बना दिए खून के निशान. श्रद्धालुओं को लक्षित कर किए गए विस्फोट में कम से कम 2 तीर्थयात्री मारे गए और 17 घायल हुए.

समझौता एक्‍सप्रेस | 18 फरवरी, 2007: Aभारत-पाकिस्तान के बीच दौड़ने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन के 2 डिब्बे में पानीपत के समीप बम का धमाका होता है. इसमें 68 की मौत और 50 वयक्ति घायल हो गए थे. पीड़ितों में ज्यादातर पाकिस्तान से थे.

जयपुर में बम विस्फोट

बनारस | 7 मार्च, 2006: मंदिरों के शहर वाराणसी में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट हुआ. इसमें कम-से-कम 28 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के समीप भीड़भाड़ वाले संकट मोचन हनुमान मंदिर में हताहतों की संख्या सबसे ज्यादा थी

मुंबई | 11 जुलाई, 2006 : मुंबई के लोकल ट्रेनों में 11 मिनट के अंदर 7 धमाके हुए जिसमें 187 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 700 से ज्‍यादा लोग घायल हुए. बम को प्रेशर कुकर में रखा गया था. यह धमाका शाम में उस वक्‍त हुआ जब लोकल ट्रेनों में काफी भीड़ होती है.

आईआईएससी, बैंगलोर 28 दिसंबर, 2005: बैंगलोर में भारतीय विज्ञान संस्थान में हुई गोलीबारी के दौरान गोलियों से क्षतिग्रस्त एक कार. आतंकवादियों ने परिसर के अंदर अंधाधुंध गोलियां चलाईं जिसमें 1 व्यक्ति मारा गया जबकि 4 अन्य घायल हो गए.

आतंकवाद पर इंडिया टुडे की आवरण कथा

     
     
     

 
 

 
उठाए गए कदम
अब वक्‍त है कार्रवाई का
इंडिया टुडे ग्रुप ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 'वार ऑन टेरर: द एजेंडा फॉर एक्‍शन' की प्रति सौंपी.
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देश के 6 प्रमुख नगरों के आपात स्थिति से सं‍बंधित टेलीफोन नंबर और पते यहां दिए जा रहे हैं, ताकि आप स्‍वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें.

वर्ष 2008 के दौरान पूरे देश में हुए आतंकी हमलों से संबंधित खबरों, वीडियो और फोटो गैलरी को हम यहां प्रस्‍तुत कर रहे हैं.
जनता की राय
हमारे देश के नेताओं की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. पाकिस्‍तान हरदम इसी बात का फायदा उठाता रहा है. अब अपने देश के नेताओं को संभल जाना चाहिए.
रोहित,पुणे.

विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और विदेश राज्‍यमंत्री आनंद शर्मा की रोज-रोज आतंकवाद के खिलाफ बयानबाजी म‍हज दिखावा है. ऐसा लगता है कि इनमें देश के प्रति स्‍वाभिमान जैसी कोई चीज नहीं है.
कमल, वडोदरा

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